दशहरा का त्योहार 2019 / dussehra 2019 holidays
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दशहरा का त्योहार |
हिन्दुओ के प्रमुख त्योहारों मे से एक दशहरा जो असत्य पर सत्य की विजय या अन्याय पर न्याय कि विजय पर आश्र्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को आता है, इस दिन पुरे देश में मेले और रावण और कुम्भकरण के पुतलो को जलाया जाता है। नो दिन के नवरात्रो के ख़त्म होने के बाद विजय दशमी को मनाया जाता है, इस दिन स्वयं सिद्ध अनबुझ मुहूर्त होता है जो किसी प्रकार की शुभाशुभ समय, तिथि, वार, विवाह, व्यापार व मशीनरी प्रारम्भ, वाहन क्रय आदि के श्रवण नक्षत्र में मे शुभ मुहूर्त माना जाता है। स्नातन धर्म का यह प्रमुख त्योहार हिन्दुओ की एकता को बुराई के विरुद्ध अच्छाई के लिए जोड़े रखता है उनमे मनोबल एवं सकारात्मकता का पाठ पढ़ता है।
- ऐसा माना जाता है जब श्री राम जी ने नो दिनो तक माँ दुर्गा के आराधना करने के बाद नवें दिन की संध्या काल में रावण का वध किया और दशवे दिन रावण का दाह संस्कार किया, भगवान श्री राम जी ने माँ दुर्गा को प्रसन कर विजयी होने का वरदान लिया।
- ऐसा भी मन जाता हे की एक समय में महिषासुर नाम का एक राक्षस अपनी कठोर तपस्या करके ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान लेकर सभी देवताओ को हराकर स्वर्ग तक अपना आधिपत्य जमा लिया था, तब सभी देवताओ ने अपनी शक्तियों और शस्त्रों से माँ दुर्गा की रचना की थी, माँ दुर्गा और महिषासुर का युद्ध नो दिनो तक चलने के बाद माँ दुर्गा ने दशवें दिन महिषासुर का वध कर दिया। इसी लिए दशहरा मनाया जाता है।
दशहरा के दिन क्या होता है / dussehra ke din kya hota hai
- दशहरा के दिन लोग पटाखो से रावण का पुतला बनाकर उसको जलाते है क्योकि इस दिन ऐसा करने से संसार की सभी बुराइयों से मुक्ति मिलती है।
- अधिकतर लोग नो दिन के नवरात्रो में माँ दुर्गा व्रत व उपवास रखते है, और नोवे दिन अपराह (दिन) में अपना उपवास खोलते है।
- दशहरा पर जगह-जगह मेले एवं कार्यक्रमो का आयोजन होता है, भगवान राम की विजय और रावण वध की प्रस्तुतिया दी जाती है।
- रावण दहन शाम को सभी कार्यक्रमो को होने के बाद एक मुहूर्त में किया जटगा है।
- इस दिन व्यापार प्रारम्भ करना और वस्तुए क्रय करना शुभ माना जाता है।
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